Yadon Ke Jharokhe

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कहानियाँ जीवन के सत्य को उजागर करती हैं, मार्गदर्शन करती हैं। ये मन बहलाने और सामाजिक व्यवस्था को उजागर करने के साथ ही ज्ञान भी देती हैं। 'यादों के झरोखे' कहानी संग्रह डॉ.एम.ए. बेग 'राही' की दीर्घकालीन साहित्य साधना का प्रतिफल है। यह कहानी संग्रह 9 कहानियों से सजा खूबसूरत गुलदस्ता है, जिसकी प्रत्येक कहानी अलग-अलग विषयवस्तु की है, और हर कहानी में मानव मन की पीड़ा समाहित है। सामाजिक चरित्र के पतोन्मुखी होने पर लेखक ने गंभीर चिंतन किया और 'कर्मों का फल' जैसी कहानी का सृजन किया, जिसमें एक वृद्ध माता-पिता के प्रति संतान के असंवेदनशील व्यवहार को शब्दों में पिरोया। मानवीय संवेदनाओं से ओतप्रोत इस कहानी संग्रह की प्रत्येक कहानी को शब्दों का सुंदर जामा पहना कर प्रस्तुत किया गया है।

बहुत से दार्शनिक प्रेम को ही ईश्वर का पर्याय मानते हैं। प्रेम में समर्थन होता है, प्रेम शक्ति है, शायद इसी आधार पर लेखक ने 'यादों के झरोखे' का सृजन किया है, जिसमें प्रेम जीवन का संबल बन कर एक-दूसरे का सहारा बनता है। वहीं 'कसक', 'बहुत देर कर दी', 'एक दिल हजार अरमान' और 'पागल हूं क्या' जैसी कहानियां भी प्रेम का प्रतिनिधित्व करती कहानी हैं, जो मन को छू जाती हैं। अनकही और समय पर प्रेम का प्रदर्शन न कर पाने की कसक जैसी पृष्ठभूमि वाली कहानियां पाठकों को बांधे रखने की क्षमता रखती हैं। इन कहानियों में एक लय है जो शुरू से अंत तक पाठकों की रुचि बनाए रखने में सक्षम हैं। इस कहानी संग्रह की एक कहानी 'तमाचा' वास्तव में हमारे समाज के मुख पर एक तमाचा ही है, जो प्रेम से इतर समाज की एक घिनौनी सच्चाई को प्रदर्शन करती है।

Additional Information
Author Dr. M. A. Beg 'Rahi'
Format Paperback
Language Hindi
ISBN 9789354629037
Pages 88

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